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Why do Satlok Ashram Sojat Bhandara, Nirvana Diwas | Satlok Diwas | What's Aim Of SantRampal Ji

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Aim Of Sant Rampal Ji
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True Guru Sant Rampal Ji Maharaj
नशा मुक्त समाज
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझने के बाद उपदेश प्राप्त करते ही हर प्रकार का नशा छूट जाता है।
आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर लाखों अनुयायी नशा छोड़ चुके हैं। 
पूरी दुनिया आतंकवाद, कट्टरवाद, नक्सलवाद से प्रभावित है। संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि पूरी दुनिया में अमन शांति हो, लोग आपस में लड़े नहीं। 
संत रामपाल जी महाराज जी कहते हैं : 
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj 

संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि पूरी दुनिया से भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी समाप्त हो। संत रामपाल जी महाराज के बताये तत्वज्ञान से उनके अनुयायी न तो रिश्वत लेते और न देते हैं। 
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य भारत को सोने की चिड़िया बनाने का है। जहाँ सर्व धर्म, जाति के लोग प्रेम, भाईचारे के साथ रहें, जहाँ सभी सुखी रहें, सबको समान न्याय मिले, जहाँ किसी का शोषण न हो। संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि युवाओं का नैतिक व आध्यात्मिक उत्थान हो।
हर व्यक्ति ईमानदारी से कार्य करे। कोई किसी को ठगे नहीं।
कबीर परमेश्वर जी की वाणी है –
कबीर, आप ठगाईये, और न ठगिये कोय।
आप ठगाये सुख होत है, और ठगे दुःख होय।। 

संत रामपाल जी महाराज जी का का उद्देश्य है कि सभी मानव, एक सर्वोच्च ईश्वर परमेश्वर कबीर जी की पूजा करें और हमारे मूल निवास सतलोक की ओर वापस लौटें। सर्वोच्च ईश्वर कबीर जी की उपासना करने वाला कोई भी व्यक्ति, आध्यात्मिक नेता जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से अपनी जाति, पंथ, रंग, आस्था या धर्म से बेपरवाह होकर नाम दीक्षा ले सकता है क्योंकि ईश्वर ने प्रत्येक मानव को समान बनाया है। 
‛बेटा बेटी एक समान’ इस नारे को यथार्थता के धरातल पर स्थापित करना संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है। इसी कारण उन्होंने दहेज जैसी प्रथा का समूलनाश करने के लिए विवाह की सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है। 
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि विश्व के सभी प्राणी वास्तविक परमेश्वर कबीर जी की सतभक्ति करे, समाज में कोई भी प्राणी दुखी न हो, हर समस्या का समाधान हो। धरती स्वर्ग समान बन जाए। 
संत रामपाल जी महाराज का मूल उद्देश्य एक ऐसे स्वच्छ समाज की स्थापना करना है जो चोरी, जारी, ठगी, रिश्वतखोरी, नशे से दूर हो। 
आज हकीकत में उनके ज्ञान से यह सम्भव हो रहा है। 
संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है कि दहेज के नाम पर किसी बेटी को प्रताड़ित न किया जाये। इसी के तहत संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में हजारों दहेज मुक्त विवाह संपन्न किये जा चुके हैं। जिससे समाज में दहेज प्रथा के समाप्त होने की आस जग चुकी है। 
हम एक ऐसा मानव समाज तैयार कर रहे हैं, जो किसी भी क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करके सबको न्याय दिलाएगा।
छोटा बड़ा, अमीर-गरीब की खाई को मिटायेगा। आध्यात्मिक तत्वज्ञान के आधार से भारत विश्व का एक महान राष्ट्र होगा। अन्य सर्व राष्ट्र भारत वर्ष का अनुसरण करेंगे।
- संत रामपाल जी महाराज जी 

फ़िल्मों में दिखाई गई अश्लील हरकतें, छोटे अर्ध नग्न कपड़ों का पहनना, चोरी, हत्या, गुंडागर्दी, गालियां जिसका सीधा दुष्प्रभाव युवा वर्ग पर पड़ रहा है। 
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि मानव समाज को इन सभी बुराईयों से दूर करके सत्य भक्ति पर लगाएं। संत रामपाल जी महाराज जी के लाखों अनुयायी बुराईयों को त्यागकर नेक जीवन जीने लगे हैं। 

कलयुग में सतयुग जैसा माहौल बनाना ही है संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य
कबीर साहेब की वाणी है: कलयुग मध्य सतयुग लाऊं।
ताते सत कबीर कहाऊं।। 
इस वाणी को कबीर साहेब जी ने वर्तमान समय के लिए बोला था, आज स्वय कबीर साहेब जी ही संत रामपाल जी महाराज के रूप में धरती पर आकर अपनी वाणी को सच कर रहे हैं।
संत रामपाल जी द्वारा चलाये मार्ग का मूल उद्देश्य है दुनिया में सतयुग जैसा माहौल बनाना। 
संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य विश्व में प्रेम व शांति स्थापित करना व कुरीतियों, पाखंडवाद, नशा, दहेज प्रथा आदि को समाप्त करके सबको एक परमात्मा की भक्ति करवाकर सुखी बनाना और पूर्ण मोक्ष देना है। 
नशा मुक्त समाज
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझने के बाद उपदेश प्राप्त करते ही हर प्रकार का नशा छूट जाता है।
आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर लाखों अनुयायी नशा छोड़ चुके हैं। 

अपने निज घर सतलोक से परिचित करवाया
संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने निज घर अमर लोक (सतलोक) को भूल चुकी सभी आत्माओं को सैंकड़ों प्रमाण देकर सतलोक के स्थायी सुखों से परिचित करवाया जिससे जनता को एक ऐसे लोक का पता चला जहां जाने के बाद जन्म व मृत्यु नहीं होती। 
पूरी दुनिया आतंकवाद, कट्टरवाद, नक्सलवाद से प्रभावित है। संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि पूरी दुनिया में अमन शांति हो, लोग आपस में लड़े नहीं। 
संत रामपाल जी महाराज जी कहते हैं : 
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
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नशा मुक्त समाज
संत रामपाल जी महाराज जी का ज्ञान समझने के बाद उपदेश प्राप्त करते ही हर प्रकार का नशा छूट जाता है।
आज संत रामपाल जी महाराज जी से नाम उपदेश लेकर लाखों अनुयायी नशा छोड़ चुके हैं। पूरी दुनिया आतंकवाद, कट्टरवाद, नक्सलवाद से प्रभावित है। संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य है कि पूरी दुनिया में अमन शांति हो, लोग आपस में लड़े नहीं। 
संत रामपाल जी महाराज जी कहते हैं : 
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
कौन हैं संत रामपाल जी महाराज जी?
यह 100% सत्य है कि भगवान पृथ्वी पर अवतरित हुए हैं। विश्व में संत के रूप में पूर्ण परमात्मा के अवतार संत रामपाल जी महाराज हैं, जिनका जन्म 8 सितंबर, 1951 को ग्राम धनाना, सोनीपत, हरियाणा में पूर्व निर्धारित स्थान पर हुआ था। पूरे विश्व से हाहाकार को समाप्त करने के लिए, शांति, भाईचारा और एकता स्थापित करने के लिए और अधर्म पर विजय पाने के लिए संत रामपाल जी महाराज धरती पर अवतरित हुए हैं । 8 सितंबर को पूरा विश्व उनका अवतरण दिवस मनाएगा ।

संत रामपाल जी महाराज ने मानव आत्माओं को गुप्त/सूक्ष्म ज्ञान/तत्वज्ञान प्रदान किया है, जिसे वेद, भगवद गीता, कुरान, बाइबिल, गुरु ग्रंथ साहिब, उपनिषद आदि जैसे विभिन्न धर्मों के सभी पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया जा सकता है । 

सर्वोच्च भगवान कौन है?
सूक्ष्म ज्ञान या तत्वज्ञान तार्किक रूप से सिद्ध करता है कि कबीर साहेब जी परम सर्वोच्च शक्ति हैं, जो सनातन साम्राज्य / सतलोक में रहते हैं, जहाँ हम सभी आत्माओं का अपना सनातन घर है। सच्चे उद्धार / पूर्ण मोक्ष और शाश्वत जीवन में वापस लौटने के लिए, हमें इस नश्वर संसार में अपनी वास्तविक स्थिति को समझने की आवश्यकता है जहाँ हम निवास करते हैं और पूर्ण मोक्ष (मोक्ष) के मार्ग का अनुसरण करते हैं, जैसा कि परमेश्वर कबीर साहेब द्वारा अधिकृत एक सच्चे संत द्वारा दिखाया गया है। . 

तत्वदर्शी संत कौन होता है ?
तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज एकमात्र वास्तविक जगतगुरु हैं जो पवित्र ग्रंथ भगवद गीता के अनुसार पूरी दुनिया को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रदान कर रहे हैं, जो कि सभी वेदों का संक्षिप्त ज्ञान है, पवित्र ग्रंथों में सबसे प्राचीन है जो मानव अस्तित्व से पहले का है। , और सभी धर्म। भगवद गीता इस बारे में ज्ञान प्रदान करती है कि वास्तव में "तत्वदर्शी" संत कौन हैं और सभी जीवित आत्माओं को ऐसे संत का अनुसरण क्यों करना चाहिए। 

भगवद गीता, अध्याय 15, श्लोक 1

ऊर्धव मूलं अधः शाखं अश्वत्थम प्राहुः अव्ययम्।

छंदसि यस्य प्रणानि यः तम वेद सः वेदवित्।।

उपरोक्त पंक्तियों में कहा गया है कि “पूर्ण परमात्मा आदि पुरुष परमेश्वर के रूप में ऊपर की जड़ों और नीचे की शाखाओं के साथ तीन गुण अर्थात् रजगुण-ब्रह्मा, सतगुण-विष्णु और तमगुण-शिव के रूप में, यह एक अविनाशी, व्यापक पीपल है। जिस वृक्ष के भाग, छोटे-छोटे भाग, जैसे वेदों में श्लोक हैं, उसी प्रकार टहनियाँ और पत्तियाँ कही गई हैं। जो उस संसार रूपी वृक्ष को विस्तार से जानता है, वह पूर्ण ज्ञानी अर्थात् तत्वदर्शी है।

इस वर्तमान काल में जहां कलियुग के 5500 वर्ष से अधिक बीत चुके हैं (कुल कलियुग की अवधि 4 लाख 32 हजार वर्ष है), केवल तत्वदर्शी संत रामपाल जी ही हैं जिन्होंने सृष्टि के उल्टे वृक्ष की संरचना के बारे में सही तथ्य प्रकट किए हैं। और उसके सभी भाग, सभी पवित्र पुस्तकों से प्रमाण के साथ । सच्चा तत्वदर्शी संत भी सभी पवित्र आत्माओं का उद्धारकर्ता / रक्षक है, (जिसे हम "बंदी छोड़" भी कहते हैं - जो भक्तों के सभी कर्म बंधनों को तोड़ देता है), इस अस्थायी दुनिया में निरंतर जीवन-मृत्यु के दुखों से, और जो हमें विभिन्न योनियों में 84 लाख जन्मों से मुक्त करते हैं और पूर्ण मोक्ष के लिए हमारा मार्ग साफ करते हैं। 

संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएं और उद्देश्य क्या हैं?
संत रामपाल जी महाराज सभी सच्चे गुणों वाले संत हैं, वे एक सतगुरु भी हैं जो भक्त आत्माओं को सच्चा ज्ञान बताते हैं कि सर्वोच्च भगवान कौन है ।
संत रामपाल जी महाराज जाति, पंथ या धर्म के पक्षपात के बिना, सभी के प्रति दयालु होने की शिक्षा देते हैं और पूर्ण मोक्ष का अंतिम मार्ग दिखाने के लिए यहां हैं ।
संत रामपाल जी महाराज ईमानदारी से काम करना और किसी को धोखा नहीं देना सिखाते हैं।
कबीरा आप थगैये, और न ठगिये कोए।

आप थके सुख होवत है, और ठगे दुख होए।।

इसी तरह, संत रामपाल जी ने सभी धर्मों के बारे में एक मजबूत संदेश दिया है कि यदि मानव जाति को जीवित रहना है तो मानवता को सभी धार्मिक तुच्छताओं पर हावी होना चाहिए। मान्य प्रमाणों द्वारा लोगों को एक ईश्वर (कबीर साहेब जी) और एक धर्म (मानवता) में विश्वास दिला रहे हैं। 



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