1 February 2023 “Parmeshwar Kabir’s 505th Emancipation Day (Nirvan Diwas)” – Departure to Satlok (Maghar Leela)

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कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2023: कबीर साहेब परमेश्वर हैं


वास्तविकता यह है कि प्रसिद्ध कवि एवं जुलाहे की भूमिका करने वाले महान सन्त के रूप में विख्यात कबीर साहेब ही पूर्ण परमेश्वर हैं। वेदों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद) में वे कविर, कविर्देव कहे गए हैं कुरान में कबीरा, कबीरु, अकबीर, खबीरा, खबीरन (सूरत अल फुरकान आयत 52-59) एवं बाइबल (Iyov 36:5) में कबीर लिखे गए हैं। वेदों में तो यह तक कहा गया है कि पूर्ण परमेश्वर ऊपर से गति करके स्वयं प्रकट होता है एवं निसंतान दम्पत्तियों को मिलता है। वह पृथ्वीलोक में वाणियों, कविताओं के माध्यम से तत्वज्ञान सुनाता है व कवि की उपाधि धारण करता है (ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मन्त्र 18) और अच्छी आत्माओं को मिलता है।

बाईबल में भी स्पष्ट कहा गया है कि पूर्ण परमेश्वर कबीर हैं और कुरान में अल्लाह कबीर द्वारा ही छह दिन में सृष्टि रचना हुई बताया है। वेदों में वर्णन है कि पूर्णब्रह्म कबीर साहेब प्रत्येक युग में प्रकट होते हैं एवं तत्वज्ञान समझाते हैं। सतयुग में सतसुकृत नाम से, त्रेतायुग में मुनीन्द्र नाम से और द्वापरयुग मे करुणामय नाम से प्रकट होते हैं तथा कलियुग में अपने वास्तविक नाम कबीर से प्रकट होते हैं।

यदि कबीर परमेश्वर हैं तो अन्य देवी देवता कौन हैं?


इसके लिए विस्तार से जानने के लिए पढ़ें सृष्टि रचना । इस पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवात्माएं पूर्ण परमेश्वर यानि सत्यपुरुष कबीर परमेश्वर की संतानें है। काल ब्रह्म ने तपस्या की व 21 ब्रह्मांड प्राप्त किये एवं हम सभी आत्माएँ उस पर आसक्त होकर अपना निज निवास छोड़कर सतलोक से काल ब्रह्म के 21 ब्रह्मांड में आ गईं। सतलोक में कर्म का सिद्धान्त नहीं है अर्थात् वहाँ बिना कुछ किये सब प्राप्त होता है। न वहां मृत्यु है, ना मरण, न जरा, न रोग और न ही किसी भी प्रकार का कोई रोग शोक। किन्तु काल ब्रह्म जिसे शास्त्रों में क्षर पुरूष कहा है, इसके लोक में हमें कर्म फल भोगने होते हैं जहां जीव असंख्यों पापों से लदा हुआ है। 
 परमेश्वर निर्वाण दिवस 2023 | मगहर लीला: जब कबीर परमेश्वर मगहर...

कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2023 | मगहर लीला: जब कबीर परमेश्वर मगहर से सशरीर सतलोक गए

कबीर परमेश्वर निसंतान दम्पत्ति नीरू और नीमा को मिले जो ब्राह्मण दम्पत्ति थे व अन्य ब्राह्मणों की ईर्ष्या का शिकार हुए थे एवं जबरन धर्म परिवर्तित कर दिए जाने पर कपड़ा बुनकर रोजगार चला रहे थे। बालक कबीर ने कुछ भी खाया पिया नहीं किन्तु जब नीमा का रो रो कर बुरा हाल हो गया तब साहेब कबीर ने कुँवारी गाय के दूध पीने की लीला की। (ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त1 मन्त्र 9)। परमेश्वर कबीर ने विवाह नहीं किया जैसा कि ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मन्त्र 4 में वर्णित है कि पूर्ण परमात्मा कभी भी स्त्री से सम्बंध नहीं रखते हैं। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकानेक लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक गए क्योंकि पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।

साहेब होकर उतरे, बेटा काहू का नाहीं।

जो बेटा होकर उतरे, वो साहेब भी नाहीं।।

परमेश्वर कबीर साहेब ने जगत की दृष्टि में रामानंद जी को गुरु धारण किया किन्तु वास्तव में परमेश्वर कबीर उनके गुरुदेव थे। आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने कहा है-

जाति मेरी जगतगुरु, परमेश्वर है पंथ |

गरीबदास लिखित पढ़े, नाम निरंजन कन्त ||

हे स्वामी सृष्टा मैं, सृष्टि मेरे तीर |

दास गरीब अधर बसूं, अविगत सत कबीर ||

कबीर परमेश्वर जी के “सह-शरीर सतलोक प्रस्थान” की घोषणा

परमेश्वर कबीर साहेब 120 वर्ष तक इस पृथ्वीलोक में रहे और तत्वज्ञान का प्रचार किया। उस समय दिल्ली का बादशाह बहलोल लोदी का पुत्र सिकन्दर लोदी था जिसका पीर गुरु शेखतकी था। कबीर परमेश्वर के तत्वज्ञान एवं चमत्कार के कारण अन्य ब्राह्मण जिनकी नकली दुकानें भोली जनता को गुमराह करके ठगने की बंद हो रही थीं वे परमेश्वर कबीर से ईर्ष्या करने लगे। शेखतकी भी कबीर साहेब से ईर्ष्या करता था। इस कारण अनेकों बार कबीर परमात्मा को नीचा दिखाने व मार डालने की असफल योजनाएं बनाई गईं किन्तु परमेश्वर जो सबका सृजनहार है उसे भला कौन मार सकता है।

गरीब, पानी से पैदा नहीं, श्वासा नहीं शरीर |

अन्न आहार करता नहीं, ताका नाम कबीर ||


कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2023: उस समय नकली ब्राह्मणों ने यह भ्रम संसार में फैला रखा था कि जो काशी में मरता है वह सीधा स्वर्ग जाता है और जो मगहर में मरता है वह नरक गमन करता है। जबकि वास्तविकता यह है कि सही विधि से भक्ति करने वाला कहीं भी प्राण त्याग दे वह अपने सही स्थान पर जाता है। तो ब्राह्मणों द्वारा फैलायी इस भ्रांति को तोड़ने के लिए परमेश्वर कबीर साहेब ने काशी के सभी पंडित, ज्योतिषशास्त्रियों से कह दिया कि इस दिन वे मगहर में देह त्याग करेंगे तथा वे अपने-अपने पोथियों में जांच लें कि मैं कहाँ गया हूँ स्वर्ग या उससे भी श्रेष्ठ स्थान सतलोक में।

ऐसा कहकर कबीर साहेब ने काशी में मगहर के लिए प्रस्थान किया। कबीर साहेब के शिष्यों में दोनों धर्मों के लोग थे। राजा बीर सिंह बघेल एवं बिजली खां पठान भी परमेश्वर कबीर के शिष्य थे वे चाहते थे कि अपने गुरुदेव का अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करें। बीरसिंह भी शरीर न मिलने पर युद्ध के उद्देश्य से अपनी सेना लेकर चल पड़े। अन्य हजारों की संख्या में दर्शक एवं शिष्य मगहर गए।


कबीर परमेश्वर द्वारा सूखी पड़ी आमी नदी में जल बहानाजब बिजली खां पठान को पता चला कि कबीर साहेब यहाँ आ रहे हैं तो उसने भी सेना तैयार कर ली इस उद्देश्य से कि यदि सतगुरु के शरीर को हासिल करने के लिए युद्ध करना पड़े तो करेंगे एवं अपनी धार्मिक रीति से अंतिम संस्कार करेंगे। कबीर साहेब मगहर पहुँचे तो राजा ने कबीर साहेब से स्नान हेतु प्रार्थना की। परमात्मा ने कहा कि वे बहते जल में स्नान करेंगे। तब बिजली खां पठान ने बताया कि उन्होंने कबीर साहेब के लिए पानी की व्यवस्था की तो है लेकिन बहते हुए पानी की नहीं और पास ही सूखी पड़ी आमी नदी के विषय में परमात्मा को बताया। तब परमात्मा कबीर साहेब ने आमी नदी देखने की इच्छा व्यक्त की। आमी नदी को देखकर कबीर साहेब ने हाथ से आगे बढ़ने की ओर इशारा किया उतने में ही नदी जल से प्रवाहित हो गई और बहने लगी। वह नदी आज भी बह रही है जो शिवजी के श्रापवश सूखी पड़ी थी किन्तु परमेश्वर कविर्देव ने उसे पुनः जीवन दिया।कबीर साहेब का “सह-शरीर सतलोक प्रस्थान”


सह-शरीर सतलोक प्रस्थान” के समय परमेश्वर कबीर साहेब ने दोनो राजाओं को सेना लाने के लिए फटकार लगाई क्योंकि वे अंतर्यामी थे एवं सब जानते थे। तथा पुनः समझाया कि तुम एक पिता की संतान हो हिन्दू मुस्लिम अलग नहीं हो व झगड़ा करने से मना किया। वास्तव में एक बहुत बड़ा गृहयुद्ध परमात्मा ने टाल दिया। फिर परमात्मा ने एक चादर बिछवाई एवं उसके ऊपर स्वयं लेटकर अन्य चादर ओढ़ ली। कुछ फूल नीचे वाली चादर पर बिछा दिए। ततपश्चात आकाशवाणी हुई कि कोई झगड़ा न करे, इस चादर के नीचे जो भी मिले उसे आप हिन्दू व मुसलमान आधा-आधा बांट लें और परमेश्वर बोले कि वे स्वर्ग से भी ऊँचे स्थान सतलोक में जा रहे हैं। जब चादर हटाई गई तो केवल सुंगधित फूलों के अलावा कुछ न मिला क्योंकि कबीर परमेश्वर सशरीर सत्यलोक चले गए थे।

कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2023: वे सह-शरीर आये थे व सह-शरीर चले गए। उस स्थान में रुदन होने लगा। बिना झगड़ा किये दोनों धर्मों ने आधे-आधे फूल बांटे एवं उस पर एक यादगार बना दी। आज भी मगहर में यह यादगार विद्यमान है। आज भी मगहर में कबीर परमेश्वर के आशीर्वाद से हिन्दू व मुस्लिम भाईचारे के साथ रहते हैं व धर्म के नाम पर आपस में कोई झगड़ा नहीं करते हैं।

गरीबदासजी महाराज ने कहा है-

तहां वहां चादरि फूल बिछाये, सिज्या छांडी पदहि समाये |

दो चादर दहूं दीन उठावैं, ताके मध्य कबीर न पावैं ||

अन्य वाणी में गरीबदास जी महाराज ने लिखा है-

चदरि फूल बिछाये सतगुरु, देखै सकल जिहांना हो |

च्यारी दाग सैं रहत जुलहदी, अविगत अलख अमाँना हो ||

मलूक दास जी महाराज जिन्हें परमेश्वर कबीर साहेब मिले एवं अपनी शरण में लिया उन्होंने भी परमेश्वर की महिमा गाई है-

काशी तज गुरु मगहर गए, दोऊ दीन के पीर ||

कोई गाड़ै कोई अग्नि जलावै, नेक न धरते धीर |

चार दाग से सतगुरु न्यारा, अजरो अमर शरीर ||

परमेश्वर कबीर साहेब के परम शिष्य आदरणीय धर्मदास जी ने भी परमेश्वर कबीर की महिमा गाई है:

हिन्दू के तुम देव कहाये, मुसलमान के पीर ||

दोनो दीन का झगड़ा छिड़ गया, टोहे न पाये शरीर ||

कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2023: नाम सुमर ले, सुकर्म कर ले


परमेश्वर कबीर सह-शरीर आये और पृथ्वी पर 120 वर्ष रहे तत्वज्ञान समझाया और सबके समक्ष ही सह-शरीर सतलोक वापस चले गए। वे पूर्ण परमेश्वर हैं जिनकी भक्तिविधि कोई पूर्ण तत्वदर्शी सन्त ही बता सकता है। वर्तमान में सन्त रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में एकमात्र तत्वदर्शी सन्त हैं। उनसे नामदीक्षा लेकर अपना कल्याण करवाएं अन्यथा मनुष्य जन्म में भक्ति नहीं की तो विभिन्न योनियों में चक्कर काटते रहना पड़ेगा। बन्दीछोड़ कबीर परमेश्वर की स्तुति जो पूर्ण तत्वदर्शी सन्त द्वारा बताई जाए उसी से जीव का मोक्ष सम्भव है। कबीर परमेश्वर ने कहा है-

“क्या माँगूं कुछ थिर न रहाई | देखत नैन चला जग जाई ||

एक लख पूत सवा लाख नाति | उस रावण घर दीया न बाती ||

आदरणीय गरीबदास जी महाराज ने कहा है-

मर्द गर्द में मिल गए, रावण से रणधीर |

कंश केशी चाणूर से, हिरणाकुश बलबीर ||

तेरी क्या बुनियाद है, जीव जन्म धर लेत |

गरीबदास हरि नाम बिना, खाली परसी खेत ||

मनुष्य जीवन क्षणिक है समय रहते भक्ति कर्म में लगना श्रेयस्कर है। धन या नाते रिश्ते कुछ भी साथ नहीं जाने वाला है।

कबीर, लूट सके तो लूट ले, राम नाम की लूट ।

पीछे फिर पछताओगे, प्राण जायेंगे छूट।।

कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस 2023 पर विशाल समागमपरमेश्वर स्वरूप सतगुरु रामपाल जी महाराज के सानिध्य में “परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 505वें निर्वाण दिवस” के उपलक्ष्य में 30-31 जनवरी व  01 फरवरी 2023 तक अमरग्रन्थ साहेब का 3 दिवसीय अखंड पाठ किया जा रहा है। आज से लगभग 505 वर्ष पूर्व (मास माघ, शुक्ल पक्ष, तिथि एकादशी वि. स. 1575 सन् 1518 को) परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी ने उत्तरप्रदेश के मगहर कस्बे से लाखों लोगों के सामने सशरीर सतलोक (ऋतधाम) को प्रस्थान किया था। उसी दिन की याद में 9 सतलोक आश्रमों  — सतलोक आश्रम रोहतक (हरियाणा), सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा), सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा), सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान), सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश), सतलोक आश्रम खमाणों ( पंजाब ), सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब), सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली) तथा सतलोक आश्रम जनकपुर (नेपाल) में विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इसमें निःशुल्क नामदीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेज व आडंबर रहित आदर्श विवाह आदि का भी आयोजन किया जा रहा है। इस विशाल भंडारे में आप सभी सादर आमंत्रित हैं।   

“परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 505 वें निर्वाण दिवस” पर आप क्या करें?


“परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 505वें निर्वाण दिवस” के उपलक्ष्य में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के सत्संग का विशेष प्रसारण 1 फरवरी 2023 को सुबह साधना टीवी पर होगा। इस कार्यक्रम को Youtube- Sant Rampal Ji Maharaj, Facebook – Spiritual Leader Saint Rampal Ji Maharaj पर भी प्रसारित किया जाएगा। उपरोक्त कार्यक्रमों में ऑनलाइन सम्मिलित होकर परमात्मा कबीर साहेब के सतज्ञान को जानकर आध्यात्मिक विकास का लाभ उठाएं। आप सभी सतज्ञान अर्जित करने के उपरांत सतगुरु रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर सतभक्ति करके अपना कल्याण कराएं और अपना मनुष्य जीवन यथार्थ सिद्ध करें।

काशी तज गुरु मगहर गये, दोनों दीन के पीर।

कोई गाड़े कोई अग्नि जरावे, ढुंढा ना पाया शरीर।।

तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान को कैसे अर्जित करें? 

“परमेश्वर कबीर बंदी छोड़ जी के 505वें निर्वाण दिवस” पर आप तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज द्वारा रचित पवित्र पुस्तकें “ज्ञानगंगा” और “जीने की राह” पढ़ें और संत रामपाल जी महाराज एप्प डाउनलोड करके सत्यज्ञान अर्जित करें। संत रामपाल जी से निःशुल्क नामदीक्षा लेने के लिए या अपने नजदीकी नामदीक्षा सेंटर का पता करने के लिए संपर्क करें :- 8222880541। संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तकें (ज्ञान गंगा और जीने की राह) निःशुल्क मंगवाने के लिए अपना पूरा नाम, पूरा पता, पिन कोड और मोबाइल नम्बर हमारे WhatsApp नम्बर पर Message करें :- 7496801825।  

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