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दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 2022, कब है दिव्य धर्म यज्ञ दिवस,
Divya Dharm Yagya Diwas 2022) : जब भी विशाल समागमों व दिव्य भंडारों का विषय आता है, तब संत रामपाल जी महाराज जी व उनके अनुयायियों द्वारा बड़े ही हर्ष के साथ मनाएं गए समागमों व दिव्य भंडारों की चर्चा हमेशा जगत समाज में चर्चा का विषय बनी रहती है l ऐसा ही एक दिव्य धर्म भंडारा अभी नवंबर माह में आयोजित किया जा रहा है। जब पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी आज से 600 वर्ष पूर्व इस धरती पर प्रकट हुए तथा लोगों को सतभक्ति देकर अनेकों सुख प्रदान किए थे। तब परमेश्वर को हम जीवात्माओं के समक्ष स्वयं परमेश्वर सिद्ध करने के लिए अनेकों लीलाएं व चमत्कार करने पड़े। काशी नगर में तीन दिवसीय अखंड भंडारे (Divya Dharm Yagya Diwas) का आयोजन कर 18 लाख साधु-महात्माओं को चौबीसों घण्टे मोहन भोजन करवाया। इसी उपलक्ष्य में संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में तीन दिवसीय अद्भुत भंडारे का आयोजन किया जा रहा है संपूर्ण जानकारी के लिए पढ़िए पूरा लेख।
Divya Dharm Yagya Diwas 2022 (Hindi): मुख्य बिंदू -
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ की तैयारिया हो चुकी है प्रारंभ।तीन दिवसीय विशाल भंडारे के साथ नि:शुल्क नाम दीक्षा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक विवाह का भी किया गया आयोजन।देश के 9 सतलोक आश्रमों में दिनांक 7, 8, और 9 नवंबर की रोज लगेंगी श्रद्धालुओ की भीड़।संत गरीबदास जी महाराज जी की अमरवाणी का तीन दिवसीय होगा अखंड पाठ। 9 सतलोक आश्रमों में देशी घी डालकर तीन दिनों तक प्रज्वलित की जाएगी अखण्ड ज्योतl
कब है "दिव्य धर्म यज्ञ दिवस (Divya Dharm Yagya Diwas 2022)"?
जब भी धार्मिक कार्यक्रमों और भंडारों के नाम सुने जाते हैं साधु- महात्माओं की आवाजाही की गूंज हमारे कानों में सुनाई पड़ती है। ऐसा ही एक अद्भुत कार्यक्रम जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के पावन सानिध्य में 7 नवंबर से 9 नवंबर 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। इस विशाल धर्म भंडारे में तीन दिनों तक संत गरीबदास जी महाराज जी की अमरवाणी का अखंड पाठ व अखंड ज्योति यज्ञ किया जाएगा। जिसमें संपूर्ण विश्व को इस धर्म यज्ञ में सम्मिलित होने का न्यौता दिया गया हैं। इच्छुक श्रद्धालु अपने नजदीकी सतलोक आश्रम में उपस्थित होकर इस दिव्य धर्म यज्ञ का लाभ उठा सकते है। इस विशेष पर्व का लाइव प्रसारण स्पिरिचुअल लीडर संत रामपाल जी महाराज फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल के साथ साथ साधना और पॉपकॉर्न टीवी चैनल के माध्यम से भी किया जायेगा।
किन–किन स्थानों पर आयोजित किया गया है दिव्य धर्म भंडारा?
केशव बंजारे का रुप बदलकर आए कबीर परमेश्वर जी ने 18 लाख महात्माओं को विश्वविख्यात काशी नगर में धार्मिक भंडारा करवाकर भोजन करा दिया था। आज वही दिव्य धर्म भंडारा संत रामपाल जी महाराज जी के संचालन में देश के नौ सतलोक आश्रमों में किया जा रहा है। निम्न आश्रमों में यह विशाल कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
सतलोक आश्रम, शामली, उत्तरप्रदेश
सतलोक आश्रम, कुरूक्षेत्र, हरियाणा
सतलोक आश्रम, धुरी, पंजाब
सतलोक आश्रम, मुंडका दिल्ली
सतलोक आश्रम, रोहतक, हरियाणा
सतलोक आश्रम, खमाणो, पंजाब
सतलोक आश्रम, सोजत, राजस्थान
सतलोक आश्रम, इन्दौर, मध्य प्रदेश
सतलोक आश्रम, भिवानी, हरियाणा
यह कार्यक्रम 7 नवंबर से प्रारंभ होकर 9 नवंबर 2022 तक तीन दिनों तक चलेगा। जिसके दौरान 24सो घंटे अखंड भंडारा व सदग्रंथ साहिब (अमर ग्रंथ) की वाणीयों का अखंड पाठ किया जाएगा।
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क्या है दिव्य धर्म भंडारे की वास्तविक कथा?
कबीर परमेश्वर द्वारा काशी शहर में अद्भुत भंडारा कराना: आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व जब पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी पवित्र काशी नगर में अवतरित हुए थे। तब दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजी कबीर जी से अत्यधिक ईर्ष्या करते थे। उन्होंने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा की कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर (स्वर्ण मुद्रा) व एक दोहर (कंबल) दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे।
संत रविदास जी ने कबीर साहेब जी को सभी वृतांत कह सुनाया और कहा की आपके नाम का निमंत्रण लेकर बाहर साधु संतो की भीड़ जमा होने लगी है। कबीर साहेब अंतर्यामी थे। वह अन्य केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानि सतलोक से नो लख बोरी में भंडारा सामग्री बेलो पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
कुछ समय बाद कबीर साहेब, संत रविदास जी और सिकंदर लोधी भी भंडारे में आ गए। भंडारे में उपस्थित लोग आश्चर्यचकित रह गए की यह कबीर सेठ है जिसने इतना बड़ा धर्म भंडारा किया है। दोनो रूपो में उपस्थित परमात्मा ने सभी श्रुधालुओ, संतो व भक्तो के समक्ष प्रश्न-उत्तर किए। तथा 24 घंटों तक सत्संग किया। वहा लाखो भक्तो ने तत्वज्ञान समझकर अपनी नक़ली साधना त्यागकर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी से नाम दीक्षा ली।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 2022 की तैयारियां जोरों–शोरों से हो चुकी है प्रारंभ
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 7 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मीक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के नौ सतलोक आश्रमों में तैयारिया जोरो शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l जिनकी व्यवस्था के लिए आश्रमों में तैयारी अभी से ही प्रारंभ कर दी गई है। समागम में उपस्थित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने–पीने, नहाने–धोने, व रुकने की व्यवस्थाएं की जा रही है।
देशी घी से बने स्वादिष्ट मिष्ठानों का लगेगा भोग
इस दिव्य धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में आने वाले साधु महात्माओ के लिए खुला भंडारा आयोजित किया जाएगा। देश के नौ आश्रमों में बाहर से आने वाले प्रभु प्रेमी आत्माओं के लिए भंडारे में स्वादिष्ट भोजन बनाएं जायेंगे जिसे परमेश्वर को भोग लगाकर प्रशादी रुप में वितरित किया जायेगा। जो की देशी घी से निर्मित होंगे।
लड्डू व जलेबी प्रसाद: 7 से 9 नवंबर तक चलने वाले इस दिव्य कार्यक्रम में देशी घी से निर्मित लड्डू, जलेबी वा अन्य पकवान बनाएं जायेंगे जो शुद्ध देसी घी के कढ़ाहे में हलवाई सेवादारों के द्वारा बड़ी संख्या में आने वाले साधु संतों के लिए अधिक मात्रा में बनाया जायगा।हलवा प्रसाद: इस विशाल समागम में शामिल होने वाले संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयाइयों वा अन्य साधू महात्माओं के लिए विशेष शुद्ध देसी घी से निर्मित हलुआ प्रशाद वितरित किया जायेगा । जो की वहा के हलवाई सेवादारों द्वारा शुद्ध कढ़ाहो में शुद्ध घी से बनाया जाता है, जिस प्रशाद को प्राप्त करने हेतु श्रुधालु बड़ी दूर- दूर से आकर समागम में सम्मिलित होते हैं।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस क्या है?
600 वर्ष पूर्व कबीर परमेश्वर जी द्वारा केशव बंजारे के रूप में आकर काशी बनारस में 3 दिनों तक लगातार 18 लाख साधु–संतों को भोजन भंडारा करवाने की लीला की तरह जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी द्वारा पूरे भारत वर्ष में यह दिवस मनाया जाता है जिसके दौरान तीन दिनों तक अखंड भंडारा आयोजित किया जाता है।
कौन थे केशव बंजारा?
कबीर परमेश्वर स्वयं केशव बंजारे का रूप बनाकर अपने निजधाम सतलोक से आए थे।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस कहां कहां मनाया जा रहा है?
यह समागम संत रामपाल जी महाराज जी के कुल 9 सतलोक आश्रमों में मनाया जा रहा है।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस पर क्या किया जाता है?
इस पावन अवसर पर कुल 9 सतलोक आश्रमों में दिनांक: 7, 8, और 9 नवंबर 2022 की रोज परमेश्वर कबीर साहेब जी के पांचवे वेद "सूक्ष्म वेद" का तीन दिवसीय अखंड पाठ, संत रामपाल जी महाराज द्वारा चौबीसों घंटे नि:शुल्क नामदीक्षा, तीन दिवसीय अखंड भंडारा, रक्तदान शिविर, दहेज मुक्त सामूहिक रमैणी विवाह कार्यक्रम, विशाल सत्संग समारोह आयोजित किए जायेंगे।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस कब है?
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 7, 8, और 9 नवंबर 2022 को मनाया जायेगा।
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क्या है दिव्य धर्म भंडारे की वास्तविक कथा?
कबीर परमेश्वर द्वारा काशी शहर में अद्भुत भंडारा कराना: आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व जब पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी पवित्र काशी नगर में अवतरित हुए थे। तब दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोदी के पीर शेखतकी व अन्य धार्मिक मुल्ला काजी कबीर जी से अत्यधिक ईर्ष्या करते थे। उन्होंने ईर्ष्यावश कबीर साहेब को काशी से भगाने के लिए उनके नाम का झूठा निमंत्रण पत्र पूरे भारतवर्ष में प्रचारित कर दिया। निमंत्रण पत्र में लिखा की कबीर पुत्र नीरू काशी में तीन दिन तक भंडारा (लंगर) करेगा। भोजन करने वाले को प्रत्येक बार भंडारा करने पर एक मोहर (स्वर्ण मुद्रा) व एक दोहर (कंबल) दिया जायेगा। भोजन में सात प्रकार की मिठाई, खीर, पूरी, हलवा, दही बड़े, आदि मिष्ठान बनाए जायेंगे। भंडारे में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सुखा सीधा भी दिया जायेगा। यह निमंत्रण पाकर दूर दूर से साधु संत आने लगे।
संत रविदास जी ने कबीर साहेब जी को सभी वृतांत कह सुनाया और कहा की आपके नाम का निमंत्रण लेकर बाहर साधु संतो की भीड़ जमा होने लगी है। कबीर साहेब अंतर्यामी थे। वह अन्य केशव बंजारे का वेश धारण करके अमर लोक यानि सतलोक से नो लख बोरी में भंडारा सामग्री बेलो पर रखकर व एक लाख सेवादारों के साथ कांशी नगर आए। केशव बंजारे रूप में आए परमात्मा ने काशी नगर में अद्भुत भंडारे का आयोजन किया। चाहे कितना भी खाओ कोई रोक टोक नहीं, वहा मिठाई, लड्डू, जलेबी, चावल, खीर, हलवा, आदि कढ़ाहो के ढेर की ढेर लगे थे, मानो कुबेर का भंडार ही धरती पर आ गया हो।
कुछ समय बाद कबीर साहेब, संत रविदास जी और सिकंदर लोधी भी भंडारे में आ गए। भंडारे में उपस्थित लोग आश्चर्यचकित रह गए की यह कबीर सेठ है जिसने इतना बड़ा धर्म भंडारा किया है। दोनो रूपो में उपस्थित परमात्मा ने सभी श्रुधालुओ, संतो व भक्तो के समक्ष प्रश्न-उत्तर किए। तथा 24 घंटों तक सत्संग किया। वहा लाखो भक्तो ने तत्वज्ञान समझकर अपनी नक़ली साधना त्यागकर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी से नाम दीक्षा ली।
दिव्य धर्म यज्ञ दिवस 2022 की तैयारियां जोरों–शोरों से हो चुकी है प्रारंभ
काशी नगर में पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब जी ने तीन दिनों तक खुला भंडारा आयोजित किया था। इसी के उपलक्ष्य में 7 नवंबर से प्रारंभ होने वाले विशाल भंडारे व धार्मीक आयोजन की संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों द्वारा देश के नौ सतलोक आश्रमों में तैयारिया जोरो शोरों से चल रही है। इस तीन दिवसीय विशाल धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है l जिनकी व्यवस्था के लिए आश्रमों में तैयारी अभी से ही प्रारंभ कर दी गई है। समागम में उपस्थित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने–पीने, नहाने–धोने, व रुकने की व्यवस्थाएं की जा रही है।
देशी घी से बने स्वादिष्ट मिष्ठानों का लगेगा भोग
इस दिव्य धर्म भंडारे में लाखों की संख्या में आने वाले साधु महात्माओ के लिए खुला भंडारा आयोजित किया जाएगा। देश के नौ आश्रमों में बाहर से आने वाले प्रभु प्रेमी आत्माओं के लिए भंडारे में स्वादिष्ट भोजन बनाएं जायेंगे जिसे परमेश्वर को भोग लगाकर प्रशादी रुप में वितरित किया जायेगा। जो की देशी घी से निर्मित होंगे।
लड्डू व जलेबी प्रसाद: 7 से 9 नवंबर तक चलने वाले इस दिव्य कार्यक्रम में देशी घी से निर्मित लड्डू, जलेबी वा अन्य पकवान बनाएं जायेंगे जो शुद्ध देसी घी के कढ़ाहे में हलवाई सेवादारों के द्वारा बड़ी संख्या में आने वाले साधु संतों के लिए अधिक मात्रा में बनाया जायगा।हलवा प्रसाद: इस विशाल समागम में शामिल होने वाले संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयाइयों वा अन्य साधू महात्माओं के लिए विशेष शुद्ध देसी घी से निर्मित हलुआ प्रशाद वितरित किया जायेगा । जो की वहा के हलवाई सेवादारों द्वारा शुद्ध कढ़ाहो में शुद्ध घी से बनाया जाता है, जिस प्रशाद को प्राप्त करने हेतु श्रुधालु बड़ी दूर- दूर से आकर समागम में सम्मिलित होते हैं।
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