#दहेज_मुक्त_भारत_अभियान

Dowry Free Marriage


#दहेज_मुक्त_भारत_अभियान

जहां समाज में आज भी दहेज के लिए बहू को जला दिया जाता है।

वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद यह जान चुके हैं कि दहेज विष के समान है। और दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह करके समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म कर रहे हैं

Dowry Free Marriage



#दहेज_मुक्त_भारत_अभियान


Dowry Free Marriage


दहेज के लालच में हो रही है बेटी की हत्या

लेकिन अब नहीं जाएगी दहेज के लिए बेटी की जान।

क्योंकि संत रामपाल जी महाराज बना रहे हैं दहेज मुक्त भारत अभियान।


दहेज के अत्याचारों से गयी बहू की जान।

अब नहीं सहेंगी बेटियाँ दहेज का अपमान।

संत रामपाल जी महाराज चला रहे हैं सफलतम दहेज मुक्त भारत अभियान


जहां समाज में आज भी दहेज के लिए बहू को जला दिया जाता है।

वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य आध्यात्मिक ज्ञान को समझने के बाद यह जान चुके हैं कि दहेज विष के समान है। और दहेज मुक्त अंतर्जातीय विवाह करके समाज से इस कुरीति को जड़ से खत्म कर रहे हैं


मानसिक परेशानी का कारण है अपनी परंपराएं।

यह भार व्यर्थ के लिए खड़े हैं जैसे बड़ी कोठी-बडी़ मंहगी कार, मंहगे आभूषण (स्वर्ण के आभूषण), संग्रह करना, विवाह में दहेज लेना-देना, बैंड-बाजे, डीजे बजाना, घुड़चढ़ी के समय पूरे परिवार का बेशर्मों की तरह नाचना।


माया का नशा जीव पर हावी है। जैसे दहेज यानी पराया धन प्राप्त करने की व्यर्थ परम्परा

अध्यात्म ज्ञान रूपी औषधि सेवन करने से जीव का नशा उतर जाता है।

फिर वह भक्ति के सफर पर चलता है क्योंकि उसे परमात्मा के पास पहुँचना है जो उसका अपना पिता है।


 दहेज के लिए जहां नव विवाहिताओं को जिंदा जला दिया जाता है।

वहीं संत रामपाल जी महाराज के आशीर्वाद से हो रही हैं दहेज मुक्त शादी।

अब दहेज रूपी दानव की भेंट नहीं चढ़ेगी बेटियां।

संत रामपाल जी महाराज का सपना दहेज मुक्त हो भारत अपना।


दहेज नहीं तो निकाह नहीं, दहेज से किया जा रहा है बेटियों का मोल।

वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के आशीर्वाद से हो रहे हैं अंतर्जातीय दहेज मुक्त विवाह। धर्म और जाति की बेड़ियों को तोड़कर कर रहे हैं बेटियों का जीवन खुशहाल।


मानव समाज में आज दहेज प्रथा के कारण गरीब से गरीब व्यक्तियों को जीवन जीने में परेशानी हो रही है।

वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य बिना दहेज रमैनी(शादी )करके सुखमय जीवन जी रहे हैं।

संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।


एक तरफ जहां दहेज न देने पर महिलाओं को मार दिया जाता है।

वहीं दूसरी तरफ संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी अंतर्जातीय व दहेज मुक्त विवाह करके एक नये मानव समाज का निर्माण कर रहे हैं।


जहां दहेज नहीं मिलने पर परिवार के सामने जला दिया जाता है बहू को।

संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में रमैनी के माध्यम से सम्पन्न हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह, जिससे लाखों लोगों को दहेज रूपी राक्षस से मिल रहा है छुटकारा। संत रामपाल जी के सानिध्य में बन रहा है दहेज मुक्त भारत।


’’विवाह कैसे करें‘‘

जैसे श्री देवी दुर्गा जी ने अपने तीनों पुत्रों (श्री ब्रह्मा जी, श्री विष्णु जी तथा श्री शिव जी) का विवाह किया था। मेरे (संत रामपाल जी के) अनुयाई ऐसे ही करते हैं। 17 मिनट की असुर निकंदन रमैणी है। फेरों के स्थान पर उसको बोला जाता है जो करोड़ गायत्री मंत्र से उत्तम तथा लाभदायक है। जिसमें विश्व के सर्व देवी-देव तथा पूर्ण परमात्मा का आह्वान तथा स्तुति-प्रार्थना है। जिस कारण से सर्व शक्तियां उस विवाह वाले जोड़े की सदा रक्षा तथा सहायता करते हैं। इससे बेटी बची रहेगी। जीने की सुगम राह हो जाएगी।

- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।


विवाह में प्रचलित वर्तमान परंपरा का त्याग :-

विवाह में व्यर्थ का खर्चा त्यागना पड़ेगा। जैसे बेटी के विवाह में बड़ी बारात का आना, दहेज देना, यह व्यर्थ परंपरा है।

- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।


दहेज के कारण बेटी परिवार पर भार मानी जाने लगी है और उसको गर्भ में ही मारने का सिलसिला शुरू है।जो माता-पिता के लिए महापाप का कारण बनता है। बेटी देवी का स्वरूप है। हमारी कुपरम्पराओं ने बेटी को दुश्मन बना दिया।

- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज।


श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा

जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।


दहेज लेना व देना अपराध है, पाप है

जब मानव को परमात्मा के विधान का ज्ञान होगा, तब वह सर्व पापों से बचेगा। अपराध करना विष खाने के तुल्य समझेगा। वह संत रामपाल जी महाराज के सत्संगों से हो सकता है। सत्संग के माध्यम से अच्छे विचार जनता को सुनने को मिलेंगे तो इस समस्या का समाधान पूर्ण रूप से हो जाएगा। संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिए जा रहे सत्संग-विचार के वचनों का जादुई प्रभाव पड़ता है।


निर्धनता तथा समाज में फैली कुरीतियाँ जैसे दहेज प्रथा, विवाह पर अनाप-सनाप खर्च करना, मृत्यु भोज, बड़ी बारात आदि-आदि तथा अन्य बुराईयाँ जैसे नशा आदि-आदि के कारण निर्धन व्यक्ति कर्ज तथा गंभीर बीमारी से परेशान होकर तथा अपनी कन्याओं के विवाह व मँहगी पढ़ाई के कारण आत्महत्या तक परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है।

इन सब परेशानियों का खात्मा संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचनों व सतभक्ति से ही हो सकता है। संत रामपाल जी महाराज जी ही दहेज मुक्त भारत का निर्माण कर रहे हैं।


आत्महत्या तथा हत्या दोनों परमात्मा के विधानानुसार घोर अपराध हैं। यह किसी भी परिस्थिति में नहीं होना चाहिए। अज्ञानता तथा सामाजिक कुरीतिओं (दहेज, भात, छुछक तक बेटी का खर्च करना, बारात का अधिक आना-बुलाना) के कारण कितनी मासूम कन्याओं की हत्या तथा आत्महत्या हुई है। हम चाहते हैं कि ऐसी गलती कोई ना दोहराए। इसलिए संत रामपाल जी महाराज के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी। जीवन के सभी दुःख समाप्त हो जाऐंगे।


दहेज के कारण मासूम लड़कियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है। लेकिन, अब बेटी बोझ नहीं। 

क्योंकि संत रामपाल जी महाराज दहेज मुक्त भारत बना रहे हैं। 

संत रामपाल जी महाराज के शिष्य बिना दहेज के 17 मिनट में रमैनी (शादी) करके, खुशहाल जीवन जी रहे हैं।


संत रामपाल जी महाराज की दी गई शिक्षा से हो रहा है दहेज का खात्मा।

संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान करेगा दहेज मुक्त भारत का निर्माण।


दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।

वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।


एक तरफ जहां दहेज की मांग पूरी करने में असमर्थ पिता आत्महत्या कर लेता है वहीं परम संत रामपाल जी महाराज जी दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करते हुए एक सबसे बड़े समाज सुधारक की भूमिका निभा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कर रहे हैं 17 मिनट में दहेज मुक्त विवाह अथवा रमैनी। जिससे अब माता पिता के ऊपर बेटी बोझ नहीं बनती।


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